Saturday 6 May 2017

एक लक्ष्य होना जरुरी - सपने सच करने के लिए आपको सपने देखने होंगे



आज भारत विश्व में सबसे युवा देश है. हमारी 60% से अधिक आबादी युवा है और इसीलिए देश तेजी से आगे बढ़ रहा है. विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय अपना परचम लहरा रहे हैं. हम न सिर्फ बड़े-बड़े कीर्तिमान बना रहे हैं बल्कि उस लाभ से सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक जीवन भी समृद्ध और विकसित हुआ है. फलस्वरूप नागरिकों की आमदनी, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, खुशहाली का स्तर भी तुलनात्मक रूप से बढ़ा है. देश में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, गाँव कस्बे बन रहे हैं, कस्बे शहर बन रहे हैं और शहर, मेट्रोपोलिटन या महानगर बन रहे हैं.

आज संभावनाओं एवं अवसरों की भरमार है जिसका लाभ लेकर हमारे युवा दुनिया भर में अपनी प्रतिभा और क्षमता का लोहा मनवा रहे हैं. लेकिन, इसी समय देश में लाखों विद्यार्थी या युवा ऐसे भी हैं, जो एक अदद नौकरी की तलाश में हैं, जो कहीं न कहीं संभावनाओं और अवसरों की खोज में हैं. और, दुखद यह है कि तमाम अवसरों के बावजूद भी उन्हें निराशा हाथ लगती है.

तो आखिर क्या कारण है कि तमाम संभावनाओं एवं अवसरों के बावजूद भी लाखों युवा सफलता से दूर हैं ? इसका कारण है उनके पास सपनों का अभाव या एक लक्ष्य निर्धारित न होना. जी हाँ दोस्तों, आप तब तक कहीं नहीं पहुँच सकते जब तक आपको यह न मालूम हो कि वास्तव में आपको पहुंचना कहाँ है, आपकी मंज़िल क्या है. इसलिए सर्वप्रथम हमारा स्पष्ट लक्ष्य होना अनिवार्य है. लक्ष्य निर्धारित होने के बाद ही आप उसे पाने के लिए योजना बना सकते हैं, अपने प्रयास कर सकते हैं और अपनी क्षमता एवं प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं.

इसलिए, दोस्तों ! अपना लक्ष्य तय करें. लेकिन लक्ष्य निर्धारित करना या सपने देखने का अर्थ सिर्फ ये नहीं है कि आपने कुछ बनने का सोच लिया और बस आपको आपकी मंज़िल मिल गयी. वास्तव में इसके बाद शुरू होती है अपनी मंज़िल पाने की यात्रा. यदि आपने एक बैंकर बनने या सरकारी नौकरी पाने का सोचा है तो अवश्य ही आपके पास उसके लिए कोई योजना होनी चाहिए. उसके लिए न्यूनतम क्या शैक्षणिक आवश्यकताएं हैं, आपका व्यक्तित्व कैसा होना चाहिए, आपका Attitude और Aptitude क्या-कैसा होना चाहिए, ये सब जानना-समझना बेहद आवश्यक है.